The best Side of Shodashi

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The day is noticed with good reverence, as followers check out temples, present prayers, and engage in communal worship events like darshans and jagratas.

बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।

सानन्दं ध्यानयोगाद्विसगुणसद्दशी दृश्यते चित्तमध्ये ।

ह्रीं‍मन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं

सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥

नौमीकाराक्षरोद्धारां सारात्सारां परात्पराम् ।

ह्रीङ्काराम्भोजभृङ्गी हयमुखविनुता हानिवृद्ध्यादिहीना

She's depicted that has a golden hue, embodying the radiance from the soaring Sunshine, and is often portrayed with a 3rd eye, indicating her wisdom and Perception.

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी click here हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः

श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।

शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।

The worship of Goddess Lalita is intricately connected With all the pursuit of equally worldly pleasures and spiritual emancipation.

मन्त्रिण्या मेचकाङ्ग्या कुचभरनतया कोलमुख्या च सार्धं

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